If the result of
A Negative multiplied by a Negative
Is Positive
Then why is don't multiple
Negative Thoughts
Result in One Positive Thought?
Does the formula
Allow only for Multiplication
And Division
and the Poorer cousins,
Addition and Subtraction
Are excluded
From this get together?
Thursday, 28 January 2010
Monday, 25 January 2010
एक और प्रेम विवाह
एक और प्रेम विवाह
हम देख आये
वर वधु को आशीर्वाद
भी जी भर दे आये
नाच लिए
गा लिए
ढेरों पकवान खा लिए
हंसी-ठट्टा खूब कर लिया
जेवर कपडा लत्ता
मन भर पहन लिया
ठण्ड खूब पड़ रही थी
कंपकपी छूट रही थी
पर हम भी पंजाबी ठहरे
व्याह है कह डटे रहे
खाने पीने में न करी कोई कोताही
हो हुल्लड़ मचाने में
हमसे पीछे दुनिया सारी ।
अब चुप चाप बैठ
वो दिन गुण रहे हैं
उफ़ हाय
यह न खा पाए
अरे वो छूट गया
सोच सोच मलाल कर रहे हैं
अजीब हैं हम सब
भाई बंधू हम सारे
ब्याह कराने गए
कि खाने भर के
रिश्तेदार हैं हम सारे
गए खाए गए आये
ऐसे हालात तो न थे हमारे ।
काम भी तो पूरी लगन
से कर के आये हैं
बहन जो ब्याहनी थी
दूल्हे मियां के नखरे न सही
जूते तो उठाने थे
हवन के लिए
घी तो बटोरना था
द्वार रोकना
मेहंदी लगवाना
चाय नाश्ता
हम ने ही तो करवाया
वो न बताएँगे
कि कितना किया
कितना करवाया
बस पूरी मुस्तैदी से
काम कर आये हैं
सारे रिश्तेदारों को
हंसी ख़ुशी विदा कर के आये हैं ।
दुल्हन टिकी रहे ससुराल में
इंतज़ाम कर के आये हैं
दुल्हे मियां बच के रहे
दुल्हन सुन्दर बड़ी है
उनके दिल की चाबी
दुल्हन के पास पड़ी हैं
एक नज़र के इशारे से
घायल हो जायेंगे
और हमारी बहन के हुस्न के
कायल हो जायेंगे
गुण भी उसके बहुतेरे हैं
तभी तो दुल्हे मियां
उसके इर्द गिर्द
लट्टू बने फिरे हैं!!
हम देख आये
वर वधु को आशीर्वाद
भी जी भर दे आये
नाच लिए
गा लिए
ढेरों पकवान खा लिए
हंसी-ठट्टा खूब कर लिया
जेवर कपडा लत्ता
मन भर पहन लिया
ठण्ड खूब पड़ रही थी
कंपकपी छूट रही थी
पर हम भी पंजाबी ठहरे
व्याह है कह डटे रहे
खाने पीने में न करी कोई कोताही
हो हुल्लड़ मचाने में
हमसे पीछे दुनिया सारी ।
अब चुप चाप बैठ
वो दिन गुण रहे हैं
उफ़ हाय
यह न खा पाए
अरे वो छूट गया
सोच सोच मलाल कर रहे हैं
अजीब हैं हम सब
भाई बंधू हम सारे
ब्याह कराने गए
कि खाने भर के
रिश्तेदार हैं हम सारे
गए खाए गए आये
ऐसे हालात तो न थे हमारे ।
काम भी तो पूरी लगन
से कर के आये हैं
बहन जो ब्याहनी थी
दूल्हे मियां के नखरे न सही
जूते तो उठाने थे
हवन के लिए
घी तो बटोरना था
द्वार रोकना
मेहंदी लगवाना
चाय नाश्ता
हम ने ही तो करवाया
वो न बताएँगे
कि कितना किया
कितना करवाया
बस पूरी मुस्तैदी से
काम कर आये हैं
सारे रिश्तेदारों को
हंसी ख़ुशी विदा कर के आये हैं ।
दुल्हन टिकी रहे ससुराल में
इंतज़ाम कर के आये हैं
दुल्हे मियां बच के रहे
दुल्हन सुन्दर बड़ी है
उनके दिल की चाबी
दुल्हन के पास पड़ी हैं
एक नज़र के इशारे से
घायल हो जायेंगे
और हमारी बहन के हुस्न के
कायल हो जायेंगे
गुण भी उसके बहुतेरे हैं
तभी तो दुल्हे मियां
उसके इर्द गिर्द
लट्टू बने फिरे हैं!!
Tuesday, 19 January 2010
उफ़ हाय!!
अगरचे कभी धुप सताएगी तुम्हें
तो मैं तुम्हें छाँव दूँगा ,
बारिश के पड़े थपेड़े
तो छत दूंगा ...
हवाएं करें तंग अगर जब जब तुम्हें
तो उन्हें रोक दूंगा
ऐसा कहा था कभी
किसी ने सड़क के मोड़ पर ॥
हम करते रहे इंतज़ार
वही किनारे किनारे
वो भी बड़े खूब निकले
बातों के सहारे
निकल लिये;
काम था उनका
कर गए ...
आज सब जो उन्होंने कहा
दिया है , और
ये Bus Shelter
उन PWD बाबू की इनायत से ही बना है !!
तो मैं तुम्हें छाँव दूँगा ,
बारिश के पड़े थपेड़े
तो छत दूंगा ...
हवाएं करें तंग अगर जब जब तुम्हें
तो उन्हें रोक दूंगा
ऐसा कहा था कभी
किसी ने सड़क के मोड़ पर ॥
हम करते रहे इंतज़ार
वही किनारे किनारे
वो भी बड़े खूब निकले
बातों के सहारे
निकल लिये;
काम था उनका
कर गए ...
आज सब जो उन्होंने कहा
दिया है , और
ये Bus Shelter
उन PWD बाबू की इनायत से ही बना है !!
Wednesday, 13 January 2010
हकीकत या सपना है ...
कहते हैं कि दूर हैं , पर दूर तो नहीं
कहते हैं कि पास हैं , पर पास भी तो हैं नहीं
हैं , इतना तो हकीकत है
पर हैं कहाँ , जो होकर भी हैं नहीं।
रह-रह सोचा करते हैं यह ख्याल बैठे-बैठे
ज़िन्दगी के कई नग़मे ऐसे हैं
जो हैं भी तो पर हैं ही नहीं ।
कई दुःख ऐसे हैं जो आज सच ,कल सपना बन जाते हैं
हकीकत है ज़िन्दगी, पर सपना क्यों लगती है
पाए जो लम्हे हैं, वो ख्याल क्यों लगते हैं
और जो ना पाए वो हकीकत क्यों लगते हैं
कभी सपने सच लगते हैं, कभी सच इक सपना
जिसे देख देख हम खुद सकते में रहते हैं
भूल भुलैया से ये ख्याल...
न जाने क्यों उठते रहते हें॥
यह सोचने कि बीमारी हमारी
न जाने कब जाएगी
जायेगी तो यह सोचेंगे
कि क्यों चली गयी,
पड़ी रहती, क्या ही बुरी थी ॥
Friday, 8 January 2010
क्यों याद आते हो ...
I Miss You !
I Miss You
All those who have gone by...
Some still around, and
Some,
Angels and Stars.
Or
I will Miss You!
Depending upon how soon you will go!
Where-ever it is , that you are destined to go.
Others, please do not ask me to miss you,
Or I will plan to go Missing!
All those who have gone by...
Some still around, and
Some,
Angels and Stars.
Or
I will Miss You!
Depending upon how soon you will go!
Where-ever it is , that you are destined to go.
Others, please do not ask me to miss you,
Or I will plan to go Missing!
Wednesday, 6 January 2010
Just a Moment and Puff!!
Subscribe to:
Posts (Atom)
Licence
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-Noncommercial-No Derivative Works 2.5 India License.