Monday 14 December 2009

शुकराना


शुक्रिया आपका , आपके स्नेह का ,
दोस्ती का, आत्मीयता का , दुलार का, संस्कार का, साथ का
आभार !
हर पल, हर लम्हा
हर समय हर वक्त!

आपकी दी हुई कई नियामतें हैं , जो हमें आज हर पल
ज़िन्दगी जीने के अंदाज़ सिखा गईं और जीवन के अनगिनत पैदाम चढ़ा गईं।
उनके लिए...
जिनके कारण आज हम हैं , जहाँ हैं, जैसे हैं !

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