Thursday, 10 June 2010

गलती


ज़िन्दगी का पूर्णविराम नहीं
उसे अल्पविराम बना
कुछ अच्छा नफीज़ सा
िखिए .....
ताकि पढने वाले
कुछ उस से सीख
अपने पन्ने रंगीन बनाने की
उम्मीद रख सकें।

No comments: