बनायेंगे बातें बच्चों के शोर की ।
कहेंगे सब आप जो कहती है दुनिया
वो नाहक सी बातें इधर उधर की
बुनेंगे कहानी बारिश और घन की
बातें बेमानी धरती गगन की ।
जुबां के ताले दिलों पे न डालें
कभी तो ये जाले लबों पे न डालेंकह भी दें जो कहना कभी तो
आ जायें इस सूने जहां में बहारें !!
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